पहला अंक आ चुका है !
'चकमक' की चिंगारी से बाल साहित्य को अलहदा पहचान दिलाने वाली टीम के सुशील शुक्ल ने साथियों के साथ 'प्लूटो' की यात्रा को भी शानदार बनाया। अब वे 'साइकिल' चलाने को तत्पर हैं। वे अकेले कहाँ हैं? आप हैं न 'साइकिल' के साथ?
'चकमक' की चिंगारी से बाल साहित्य को अलहदा पहचान दिलाने वाली टीम के सुशील शुक्ल ने साथियों के साथ 'प्लूटो' की यात्रा को भी शानदार बनाया। अब वे 'साइकिल' चलाने को तत्पर हैं। वे अकेले कहाँ हैं? आप हैं न 'साइकिल' के साथ?
15 सितम्बर 2018 की शाम 5 बजे बच्चों के लिए एक नई पत्रिका 'साइकिल' का विमोचन समन्वयन भवन,इंडियन कॉफी हाउस के बगल में, न्यू मार्केट,भोपाल में हो चुका है। प्लूटो की तरह यह पत्रिका तक्षशिला,बाल साहित्य एवं कला केन्द्र का प्रकाशन है।
पत्रिका के बारे में अधिक जानकारी 9109915118 पर या info@ektaraindia.in और www.ektaraindia.in से प्राप्त की जा सकती है।
पाठकों को बाल साहित्य का चस्का लगाने के के लिए अग्रिम बधाई तो बनती है !
ये Sushil Shukla और इकतारा टीम के साथ सभी के लिए यादगार दिन होगा।
Sushil Shukla , Shashi Sablok , Chandan Yadav,
ये Sushil Shukla और इकतारा टीम के साथ सभी के लिए यादगार दिन होगा।
Sushil Shukla , Shashi Sablok , Chandan Yadav,
पत्रिका के बारे में अधिक जानकारी 9109915118 पर या info@ektaraindia.in और www.ektaraindia.in से प्राप्त की जा सकती है।
मनोहर चमोली मनु जी की वाल से।
(मैंने तो इस पत्रिका की सदस्यता लेने का पूरा मन बना लिया हौ। अब आप सभी दोस्तों से गुज़ारिश है कि इस पोस्ट को ज़्यादः से ज़्यादः शेयर करें..,ताकि बच्चों की साईकल निरंतर चलती रहें.)
मनोहर चमोली मनु जी की वाल से।
(मैंने तो इस पत्रिका की सदस्यता लेने का पूरा मन बना लिया हौ। अब आप सभी दोस्तों से गुज़ारिश है कि इस पोस्ट को ज़्यादः से ज़्यादः शेयर करें..,ताकि बच्चों की साईकल निरंतर चलती रहें.)
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